Listen free for 30 days

Listen with offer

Preview
  • Himalaywasi Guru Aur Chati Indri [The Himalayan Guru and the Sixth Sense]

  • आध्यात्मिक मार्ग की अद्भुत यात्रा [Wonderful Journey on the Spiritual Path]
  • By: Dr. Priyabhishek Sharma
  • Narrated by: Parvez Gauhar
  • Length: 5 hrs and 23 mins

£0.00 for first 30 days

Pick 1 audiobook a month from our unmatched collection - including bestsellers and new releases.
Listen all you want to thousands of included audiobooks, Originals, celeb exclusives, and podcasts.
Access exclusive sales and deals.
£7.99/month after 30 days. Renews automatically. See here for eligibility.

Himalaywasi Guru Aur Chati Indri [The Himalayan Guru and the Sixth Sense]

By: Dr. Priyabhishek Sharma
Narrated by: Parvez Gauhar
Try for £0.00

£7.99/month after 30 days. Renews automatically. See here for eligibility.

Buy Now for £1.99

Buy Now for £1.99

Pay using card ending in
By completing your purchase, you agree to Audible's Conditions of Use and authorise Audible to charge your designated card or any other card on file. Please see our Privacy Notice, Cookies Notice and Interest-based Ads Notice.

Summary

डॉ. प्रियाभिषेक शर्मा द्वारा अपनी आध्यात्मिक यात्रा में वर्णित विलक्षण घटनाएं एवं इस यात्रा को एक प्रवाहपूर्ण सूत्र में बाँधती तारतम्यता मंत्रमुग्ध करती है। मैंने इस रचना को रुचि के साथ पढ़ा एवं पढ़कर आनन्द का अनुभव किया।

-डॉ. कर्ण सिंह, (प्रख्यात विद्वान एवं पूर्व केन्द्रीय मन्त्री)

अनायास घर आ पहुँचे एक हिमालयी नागा गुरु ने मुझे बीज मन्त्र से दीक्षित कर ध्यान करने को कहा था। दो वर्ष पश्चात् एक रात मैंने पाया कि मेरा मस्तिष्क दूर स्थित व्यक्तियों एवं स्थानों से जुड़ने लगा है। प्रत्येक दिन के साथ मेरे आभास की शक्ति बढ़ने लगी है। दूर अंतरिक्ष से कुछ रहस्यमयी ध्वनियाँ उतरती एवं मेरे मस्तिष्क में प्रवेश कर जाती। डरा एवं सहमा सा, अब मैं भीतर किसी धुंधली सी तलाश पर निकल चुका था। लगभग दो दशकों तक मन, ध्यान एवं योगियों के मध्य हिमालयी गुरुओं द्वारा सिखलाई विद्याओं के साथ ध्यान करते हुए एक दिन मैंने पाया कि मेरा मन रुक गया है। विचारों के मकड़जाल के बीच से एक अनवरत मौन का झरना प्रस्फुटित हुआ था। मेरी यात्रा अब एक शाश्वत सन्त के चरणों पर जा ठहरी थी।

Please note: This audiobook is in Hindi.

©2022 MyMirror Publishing House Pvt. Ltd. (P)2022 Audible, Inc.
activate_Holiday_promo_in_buybox_DT_T2

What listeners say about Himalaywasi Guru Aur Chati Indri [The Himalayan Guru and the Sixth Sense]

Average customer ratings

Reviews - Please select the tabs below to change the source of reviews.