Episodes

  • अंदाज़ अपना अपना
    Jun 1 2021
    बढ़ती उम्र में काम के चलते हम कई बार उस इंसान के लिए वक़्त नहीं निकाल पाते जो आप हैं। अपने पसंद के गीत, कविता, फ़िल्म, कहानी या किससे ज़रूर देखें, पढ़ें और सुने क्यूँकि आप बेमिसाल हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message
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    28 mins
  • संकल्प इक्कीस
    Jan 14 2021
    कविराज को सुनने वाले सभी श्रोताओं को नव वर्ष 2021 की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ. पिछला वर्ष हम सभी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा. लेकिन समय और मौसम सदा एक सा नहीं रहता वो बदलता है. आप ही की तरह मैंने भी नए साल का संकल्प या कहें ‘न्यू ईयर रेज़लूशन’ लिया है अमल कितना कर पाता हूँ ये देखने लायक रहेगा. ये पॉड्कैस्ट मैं सोते हुए बना रहा हूँ क्यूँकि ठंड अभी गई नहीं।😀 --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message
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    8 mins
  • ओखला पक्षी अभयारण्य (O.B.S.)
    Jan 3 2021
    ओखला पक्षी अभयारण्य (O.B.S.) का आकार लगभग 4 वर्ग किलोमीटर है और यह उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में NOIDA के प्रवेश द्वार पर स्थित है। यह एक ऐसे बिंदु पर स्थित है जहां यमुना नदी उत्तर प्रदेश राज्य में प्रवेश करती है और दिल्ली के क्षेत्र को छोड़ती है। यह राज्य के 15 पक्षी अभयारण्यों में से एक है। अभयारण्य में कांटेदार झाड़ी, घास के मैदान और आर्द्रभूमि की पक्षी प्रजातियों को देखा जाता है क्योंकि यह अद्वितीय स्थिति है। ओखला बैराज के निर्माण के कारण इस आर्द्रभूमि का गठन किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे वर्ष 1990 में अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया। यह अब भारत में 466 IBA (महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों) में से एक है। बिना किसी पूर्व योजना के हाल ही में मुझे यहां जाने का अवसर मिला. यह एपिसोड उसी का एक यात्रा वृतांत है. --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message
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    17 mins
  • टिड्डी
    Oct 31 2020
    सर्दियां लगभग आ चुकी हैं. शारीर कुछ अलसाया सा महसूस करने लगा है. देखी जाएगी वाले रवैय्ये से बचें।नींद लाने के लिए एक छोटी कहानी. पेश है टिड्डी। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message
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    6 mins
  • वर्षगाँठ
    Oct 7 2020
    आज मेरा जन्मदिन है। वर्षगाँठ, जन्मदिन, सालगिरह, बर्थ्डे। इस सफ़र में बहुत कुछ पाया है। बहुत कुछ करना अभी बाकी है। मन में जिज्ञासा उमड़ी तो पता चला औपचारिक रूप से जन्मदिन मनाना प्रचलन १ सेंचरी ए. डी. से आरम्भ हुआ। और हैपी बर्थ्डे वाला गीत १८५९ में लिखा गया और ये कॉपीरायट प्रोटेक्टेड था। जीवन में एक बार गोल्डन बर्थ्डे भी आता है. सबसे ज्यादा जन्मदिन अगस्त माह में आते हैं. व्यक्तिगत जीवन में जन्मदिन एक सामान्य दिन की तरह रहा। और क्या मायने हैं वर्षगाँठ के मेरे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में. चलिए सुनते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message
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    16 mins
  • हिंदी Medium
    Sep 16 2020
    अपनी है। स्वदेशी है। लिपि भी है। भाव भी है। व्याकरण भी है। छोटा बड़ा कोई अक्षर नहीं। आधे शब्दों को भी जोड़कर रखती है हिंदी। तो फिर ग्लानि क्यूँ? शंका क्यूँ? कुंठा क्यूँ? बैर क्यूँ? हिंदी हैं हम वतन हैं हिन्दोस्ताँ हमारा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message
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    21 mins
  • ३३१०
    Sep 11 2020
    ‘Basics’ या मूल ज़रूरतें को पूरा करते हुए वक़्त के साथ चलना और बदलना ज़रूरी है। बशर्ते उसमें सुकून की अनुभूति हो। संवाद के कई माध्यमों से रूबरू होने का जीवन में अनुभव मिला। पिता और दोस्तों को अंतर्देशीय पत्र से लेकर लोकल पी सी ओ बूथ पर पल्स रेट के दर पर बात करना और आख़िर में घर में मोबाइल फ़ोन का आना। चरणबद्ध सफ़र में हर चीज की अहमियत का पता चलता गया। नोकिया ३३१० ने परिवार की दूरी मिटा दी। भटकाव कम थे। टेक्नॉलजी वरदान का कथन सार्थक लगा। समय का ना तो अभाव था और ना शिकवा। इस वर्ष फ़िनलैंड की कम्पनी नोकिया के ३३१० मॉडल को फ़ोन को २० साल हो गए। आपका पहला मोबाइल फ़ोन कौन सा था? आपकी क्या स्मृतियाँ हैं? क्या आपको वह उपहार स्वरूप मिला? ज़रूर साझा करें। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message
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    19 mins
  • शिक्षार्थ आइए-सेवार्थ जाइए !
    Jul 31 2020

    यह पंक्ति प्रत्येक विद्यालय व कॉलेज के बाहरी द्वार पर लिखी होती है। इसे लिखने का उद्देश्य विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा का प्रयोग देश की सेवा के लिए करने हेतु प्रेरित करना है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० इस संदर्भ में एक तर्कसंगत प्रयास है। दुर्भाग्य से ये कदम बहुत पहले उठा लेने चाहिए थे। शिक्षा को किसी भी रूप में थोपा जाना सही नहीं बल्कि छात्र की रुचि, बौधिक और शारीरिक क्षमता के अनुरूप होनी चाहिए। खेल के प्रति उत्साह रखने वाले को उस खेल से विमुख नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार गीत, संगीत, नृत्य या अन्य कौशल में रुचि रखने वाले का सही मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन होना चाहिए। तभी देश में प्रतिभाएँ बिना किसी कुंठा के उभर पाएँगी। ये अनवांछित पढ़ाई का दबाव कई सपने उभरने नहीं देता है ।

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    24 mins